Saturday, November 29, 2014

Shayeri

इस परवाह वाली ज़िन्दगी से तो वो बेपरवाह बचपन अच्छा था,
जहाँ गैरों के सामने भी रो लिया करते थे
अब तो आपनो के सामने दो आंसू बहाने से डर लगता है !!!!

Monday, July 7, 2014

Yaadein

वक़्त की धूल से लिपटी एक किताब मिली 
धूल हटा के देखा तो यादों की किताब मिली
सोचा साफ़ करके उसको वापस रख दू 
पर दिल ने ना जाने उसको खोलने की इच्छा ज़ाहिर की 

खोला तो कुछ अच्छे बुरे पल थे 
कुछ खट्टे तो कुछ मीठे पल थे
कुछ ज़िन्दगी के वो पन्ने थे जो कभी नहीं खुलेंगे 
पर यादों में जरूर नज़र आएंगे 

गुजरते गुजरते गुजरी हुई  पूरी ज़िन्दगी नज़र आई 
कुछ सीख नज़र आई तो कुछ रिश्ते नज़र आये 
अच्छे पल की उम्मीद भी नज़र आई 
एक अच्छी ज़िन्दगी की झलक नज़र आई
और यूँ यादों की किताब की कहानी नज़र आई...

कृतिका गौड़


Friday, May 9, 2014

Shayeri

1. ज़िन्दगी बड़े नाज़ और शान से जीनी चाहिए 
  लोग इसे खैरात समझ के जी जाते है.. 

2. Mann aaj udas hai phir bhi ek sukoon hai,
Din ki tej dhoop se lekar shaam ko wo barish tak kuch soch raha hai
Na jaane kitni baaton ne dil ko chuha hai, kuch eshas dil ko hua hai
Dard-e-dil ka bayan nahi hota, khush rehne ke liye koi pal nahi milta
Phir bhi dil udas bhi hai aur ek anchahi khushi ka eshas bhi hai....

3. kuch naye rishte mile
kuch purane rishte bichade
yuhi yeh karwa chalta raha... 
par aaj bhi kuch yaadein hai dil mein sambhale hue.. 
aur bas yaadein reh jayegi 

Saturday, January 4, 2014

Sab Yahan Tanha Hai...




















Logo ki bheed hai yahan
Phir bhi hai ek tanhai yahan
Yahan kehte sabhi dost hai
Par lagte sab anjaan yahan,

Bheed mein bhi tanhai mehsus hui
Logo ke dilo mein doorie mehsus hui
Jise kehte hai aaj hum apna
Kal wo hi banta begana apna,

Kabhi kuch kehna
Kabhi sirf padh ke rehna
Aaj ka daur bhi ajeeb hai
Hum sab ke kareeb hoge bhi door hai
Phir bhi hum kehte hai, hum to aapke paas hai,

Log kya sochte hai
Log kya kehte hai
Log kya jante hai
Loge kya dekhata hai
Yeh sab kuch sachai se door hai
Sabke saath hokar bhi sab yahan tanha hai
Sab yahan tanha hai………

Kratika Gour

Wednesday, August 7, 2013

यह लम्हा भी युही गुजर जायेगा...

यह लम्हा भी युही गुजर जायेगा
साथ बस यादें दे जायेगा
इस भागती डोडती भीढ में
इस दुनिया संसार में
सोचा करती हु क्या खोया क्या पाया,
सब कुछ तो सिर्फ मोह है माया है...
फिर भी यह लम्हा युही गुजर गया

कुछ बचपन की यादें है
कुछ बचपन की दोस्ती है
कुछ ने आज भी थामे है हाथ
कुछ के छुट गए साथ
पर वो लम्हा भी युही गुजर गया

ना जाने उन यादों के साथ
थामे कुछ दोस्तों  के हाथ
बढ़ गए हम नए सफ़र की और
कब हुए बड़े, कब बन गए समझधर
ना जानते है, ना जान सकते है
बस कुछ खट्टी मीठी यादों के साथ
वो लम्हे भी युही गुजर ही गया

नए सफ़र की तलाश में
नयी उमंग की उड़ान में
नए है कुछ सपने मेरे
नहीं जानती होंगे कभी वो पुरे
पर बहुत कुछ है दिल में मेरे
येही करती हु में आशा होंगे सपने मेरे भी एक दिन पुरे
कुछ अच्छी कुछ बुरी यादें दे जायेंगे  मुझे
और इसी तरह यह लम्हे भी युही गुजर जायेंगे..
वो लम्हे भी युही गुजर जायेंगे....

Written By:- Kratika Gour

Saturday, July 20, 2013

Shayari....

हर गुजरते हुए लम्हों के साथ 
कुछ चाहे उन्चाहे निशान छोड़ देती हु
कुछ मुठी में समेट लेती हु 
कुछ कांच की तरह भिखेर देती हु
कुछ पानी में लिखे नाम की तरह मिटा देती हु.

कृतिका गौड़

Wednesday, November 30, 2011

साथ छोड़ जाते है


















जब एक ख्वाब टूट जाता है, तो दिल से आवाज आती है.....

"दिल के टूटने की आवाज नहीं होती जनाब,
दिल तो बस टूट कर बिखर जाता है,
जाने अनजाने ही सही, साथ छुट सा जाता है.....

कसमे वादे वफ़ा सब भूल कर,
एक शख्स हमे बेगाना कर जाता है,
जाने अनजाने ही सही, साथ छुट सा जाता है.....

चाहत को हमारी युही रुसवा कर,
वो एक पल मैं हमे तन्हा कर जाता है,
जाने अनजाने ही सही, साथ छुट सा जाता है.....

साथ चलने का वादा कर के,
बीच राह मैं हाथ छोड़ जाता है,
कुछ रिश्ते जाने अनजाने ही सही,
साथ छोड़ जाते है.....
साथ छोड़ जाते है....."